लगन – American Story in Hindi
अमरीका में एक नीग्रो नेता हुए हैं— बुकर टी वाशिंगटन । उनके बचपन की घटना है। उन दिनों अमरीका के गोरे लोग नीग्रो लोगों से भेदभाव रखते थे। दोनों न एक ही स्कूल में पढ़ सकते थे, न एक ही होटल में खाना खा सकते थे और न ही गाड़ी के एक ही डिब्बे में यात्रा कर सकते थे। (American Story in Hindi)
उन दिनों नीग्रो लोगों के लिए स्कूल बहुत कम थे। जब हैम्पटन गाँव में नीग्रो लोगों के लिए स्कूल खुला तो बुकर टी वाशिंगटन का मन पढ़ने के लिए मचल उठा।
जब वह स्कूल में नाम लिखवाने पहुँचे, तो वहाँ की गोरी अध्यापिका ने कहा- “यह झाडू उठाओ और बगल वाले कपरे की सफ़ाई करो।”
बालक वाशिंगटन ने सोचा कि अगर मैं अच्छी तरह से सफाई कर दूँगा, तो खुश हो कर अध्यापिका मेरा नाम लिख लेगी। उसने फर्श पर तीन-चार बार झाडू लगायी। फिर एक कपड़ा ले कर दीवार, बेञ्च, डेस्क और मेज़ की कई बार सफ़ाई की।
शायद अध्यापिका जानती थी कि धूल कहाँ-कहाँ मिल सकती है। उसने उँगली में रूमाल लपेट कर उसे सब चीजों पर फेरा, ताकि थोड़ी-बहुत भी धूल हो, तो उसका पता लग जाये। उसे धूल का एक भी कण नहीं मिला।
वह बहत खश हुई। बोली- “तुमने बहुत लगन से सफ़ाई की है। काम छोटा हो या बड़ा—उसे लगन से करना अच्छी आदत है। तुम्हारी इसी आदत की वजह से मैं तुम्हारा नाम लिख लँगी।”
काम लगन से ही करना चाहिए। तुम जितनी लगन से काम करोगे वह उतना ही अच्छा बन पायेगा। बेगार करने से, बेमन से करने से हलके-से-हलका काम भी मन-भर के पत्थर की तरह भारी हो जाता है।
लगन से काम करने से भारी-से-भारी काम भी फूल की तरह हलका बन जाता है। और फिर, सब लोग लगन से काम करने वाले बच्चों को प्यार भी तो करते हैं।
दोस्तों, आप यह Article Prernadayak पर पढ़ रहे है. कृपया पसंद आने पर Share, Like and Comment अवश्य करे, धन्यवाद!!