Narendra Modi के 101 प्रेरक कथन – Narendra Modi ke 101 Prerak Anmol Kathan
आज से ठीक चार साल पहले 26 मई 2014 के दिन; कभी रेलवे स्टेशन पर दौड़-दौड़ कर चाय बेचने वाले श्री Narendra Modi ने भारत (Bharat – India) के 14 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. अपनी ईमानदार छवि, कर्मठता और देश (Desh – Country) के प्रति निष्ठा के बल पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने विश्व भर में जो प्रसिद्धि हासिल की और भारत (Bharat – India) वर्ष का नाम रौशन किया है वह अपने आप में अतुलनीय है.
आज हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को चार वर्षों तक सफलता पूर्वक चलाने वाले भारत (Bharat – India) के यशस्वी प्रधानमन्त्री जी के 101 प्रेरक कथनों को संग्रह आपसे साझा कर रहे हैं. इन कथनों को हमने उनके Twitter account, मन की बात कार्यक्रम, और विभिन्न भाषणों से लिया है. तो आइये देखते हैं इन्हें.
Narendra Modi के अनमोल विचार – Narendra Modi ke Anmol Vichar
- जज़्बा होना सबसे जरूरी है… मुझे बहुत ख़ुशी है कि आज सवा सौ करोड़ लोगों के मन में एक उमंग, आशा और संकल्प का भाव है और लोग मुझसे अपेक्षा कर रहे हैं।
- अब अटकाने, लटकाने और भटकाने वाला काम नहीं होता, अब फाइलों को दबाने वाली संस्कृति खत्म कर दी गयी है। सरकार अपने हर मिशन, हर संकल्प को जनता के सहयोग से पूरा कर रही है।
- भारत (Bharat – India) आँख झुकाकर या आँख उठाकर नहीं बल्कि आँख मिलाकर बात करने में विश्वास करता है।
- मेरी पूंजी है- कठोर परिश्रम और सवा सौ लोगों का प्यार।
- “तब और अब” में जमीन आसमान का अंतर क्योंकि जब नीति स्पष्ट हो, नीयत साफ़ हो और इरादे नेक हों तो उसी व्यवस्था के साथ आप इच्छित परिणाम ले सकते हैं।
- जिस पर संतोष का भाव पैदा हो जाता है, जीवन फिर आगे नहीं बढ़ता। हर आयु, हर युग, कुछ न कुछ नया पाने को गति देता है।
- “आयुष्मान भारत (Bharat – India) ” की सोच सिर्फ सेवा तक सीमित नहीं है बल्कि ये जनभागीदारी का एक आव्हान भी है ताकि हम स्वस्थ, समर्थ और संतुष्ट न्यू इंडिया का निर्माण कर सकें।
- भारत (Bharat – India) की विकास गाथा तब तक पूरी नहीं होगी जब तक कि हमारे देश (Desh – Country) के पूर्वी भाग की प्रगति पश्चिमी भाग के बराबर न हो। उत्तर-पूर्व, भारत (Bharat – India) के विकास का नया इंजन बन सकता है।
- बेटी बोझ नहीं, बेटी पूरे परिवार के आन-बान और शान होती है।
- जब कोई व्यक्ति यह तय कर ले कि उसे कुछ हासिल करना है, तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता। यह लोगों की शक्ति का प्रमाण है। देश (Desh – Country) का निर्माण सरकार या प्रशासन या कोई नेता नहीं करता है, देश (Desh – Country) का निर्माण इसके नागरिकों की ताकत से होता है।
- चार साल पहले पूरी दुनिया में जब भारत (Bharat – India) की चर्चा होती थी, तो कहा जाता था, Fragile Five …। आज भारत (Bharat – India) के Fragile Five की नहीं, भारत (Bharat – India) के Five Trillion Dollar Economy के लक्ष्य की चर्चा होती है। अब पूरी दुनिया भारत (Bharat – India) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है।
- आज भारत (Bharat – India) दुनिया की तेजी से बढती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हम कृषि से लेकर एरोनोटिक्स तक और अन्तरिक्ष मिशन से लेकर सेवा पहुंचाने तक, उपयोगी तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- समय का सदुपयोग किन किन चीजों में है ये बात हमें पता होनी चाहिए। एक ही टाइम टेबल 365 दिन काम नहीं आता। हमें समय का पूर्ण सदुपयोग करना चाहिए।
- आप खुद के साथ स्पर्धा कीजिए कि मैं जहाँ कल था उससे 2 कदम आगे बढ़ा क्या, अगर आपको ऐसा लगता है तो यही आपकी विजय है। कभी भी दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा मत कीजिए बल्कि खुद के साथ अनुस्पर्धा कीजिये।
- आत्मविश्वास खुद को चुनौती देने और कड़ी मेहनत करने से ही आता है। हमें हमेशा अपने आप को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिए।
- मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने बच्चों की उपलब्धियों को सोशल स्टेटस न बनाएं। दूसरों बच्चों से अपने बच्चों की तुलना मत करें। आपके बच्चे के अन्दर जो सामर्थ्य है उसे पहचानिए। अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं है।
- खेल के लिए जो समर्पित लोग होते हैं वो पैसे और प्रसिद्धि के लिए नहीं खेलते उनके अन्दर एक जज़्बा होता है। जब अंतराष्ट्रीय खेल होते हैं और भारत (Bharat – India) का खिलाडी खेलता है तो वह जूझता है, पूरी तरह जी-जान से लगता है। लेकिन जैसे ही वह विजयी होता है उसकी पूरी शारीरिक भाषा बदल जाती है, सारी थकान दूर हो जाती है। जब वह खिलाड़ी हाथ में तिरंगा लेकर दौड़ता है – यह सारे हिन्दुस्तान में ऊर्जा और चेतना भर देता है।
- खेल हमारे युवाओं के जीवन का एक अभिन्न अंग बनना चाहिए। खेल व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- अगर व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। जन-आन्दोलन के माध्यम से बड़े से बड़े बदलाव लाये जा सकते हैं।
- समाज के सभी लोगों को सही मायने में विकास का लाभ मिल सके इसके लिए जरूरी है कि हमारा समाज कुरीतियों से मुक्त हो। आइये हम सब मिलकर कुरीतियों को समाज से ख़त्म करने की प्रतिज्ञा लें और एक New India, एक सशक्त एवं समर्थ भारत (Bharat – India) का निर्माण करें।
- जैसा पहले था, वैसा ही चलता रहेगा, कुछ बदलेगा नहीं..कुछ होने वाला नहीं है… इस सोच से भारत (Bharat – India) अब बहुत आगे बढ़ चुका है। भारत (Bharat – India) के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं। व्यवस्थाओं में हो रहे सम्पूर्ण परिवर्तन का, एक irreversible change का परिणाम आपको हर एक सेक्टर में नजर आएगा।
- एक बार भारत (Bharat – India) के लोग कुछ करने की ठान लें तो कुछ भी असम्भव नहीं है।
- हमारी राष्ट्रीय भक्ति सभी बाधाओं से परे है। यह हमें भारत (Bharat – India) और विश्व में सभी भारतीयों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है।
- जैसे सरदार पटेल में देश (Desh – Country) का एकीकरण किया था वैसे ही देश (Desh – Country) को एकता के सूत्र में पिरोने वाला काम GST के माध्यम से हुआ है। दशकों बाद One Nation- One Tax का सपना साकार हुआ है।
- 21 वीं सदी में भारत (Bharat – India) को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए, न्यू इंडिया बनाने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा। संकल्प साथ मिलकर काम करने का, संकल्प एक-दुसरे को मजबूत करने का।
- हमारा प्रयास है कि देश (Desh – Country) का हर व्यक्ति सशक्त हो। एक समावेशी समाज का निर्माण हो। ‘सम’ और ‘मम’ के भाव से समाज में समरसता बढ़े और सब एकसाथ मिलकर आगे बढ़ें।
- आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा है। आतंकवाद ने मानवता को चुनौती दी है। वो मानवीय शक्तियों को नष्ट करने पर तुला हुआ है और इसलिए सिर्फ भारत (Bharat – India) ही नहीं, विश्व की सभी मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होकर आतंकवाद को पराजित करना ही होगा।
- किसान, जिन्हें हम सम्मानपूर्वक अन्नदाता कहते हैं, खाद्य प्रसंस्करण में हमारे प्रयासों के केंद्र में हैं। हमने पांच वर्षों के भीतर कृषि से होने वाली आय को दुगुना करने का निश्चय किया है।
- युवा आकांक्षाओं से परिपूर्ण भारत (Bharat – India) एक युवा राष्ट्र है। हमारे युवा, भारत (Bharat – India) और विश्व के लिए काफी कुछ कर सकते हैं।
- डिजिटल इंडिया से पारदर्शिता आएगी, सेवाओं का आदान-प्रदान प्रभावी होगा और सुशासन की दिशा में कदम आगे बढ़ेंगे।
- मैं वर्तमान की चिंता में देश (Desh – Country) के भविष्य को दाँव पर नहीं लगा सकता। हमारा उद्देश्य है – देश (Desh – Country) के गरीबों के जीवन में बदलाव आए और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
- तब भारत (Bharat – India) छोड़ो का नारा था ….. आज भारत (Bharat – India) जोड़ो का नारा है।
- हर भारतीय को इस बात का गर्व है कि भारत (Bharat – India) विविधताओं वाला देश (Desh – Country) है।
- जब मैं एक विकसित भारत (Bharat – India) के बारे में सोचता हूँ, मैं एक स्वस्थ भारत (Bharat – India) , विशेष रूप से देश (Desh – Country) की महिलाओं और बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सोचता हूँ।
- खेल से टीम वर्क बढ़ता है। यह हममें दूसरों के योगदान को स्वीकार करने की भावना विकसित करता है। यह जरूरी है कि हम खेल को अपने देश (Desh – Country) के युवाओं के जीवन का एक अंग मानें।
- भारत (Bharat – India) में हम एक ऐसा इको-सिस्टम तैयार कर रहे हैं जहाँ भारत (Bharat – India) के नौजवान ‘रोजगार’ तलाशने वाले (जॉब सीकर) नहीं बल्कि ‘रोजगार बनाने वाले’ (जॉब क्रियेटर) बनें।
- जल हो, जमीन हो, जीव हो – उनका संरक्षण हमारा संकल्प होना चाहिए।
- मुझे इस बात की भी चिंता सता रही है कि टेक्नोलॉजी दूरियां कम करने के लिए आई लेकिन उसका दुष्परिणाम ये हुआ कि एक ही घर में छः लोग एक ही कमरे में बैठे हैं लेकिन दूरियां इतनी है कि कल्पना नहीं कर सकते।
- सत्याग्रह का उद्देश्य था – स्वतंत्रता और स्वछाग्रह का उद्देश्य है – स्वच्छ भारत (Bharat – India) का निर्माण।
- जिन लोगों ने गरीबों को लुटा है, उन्हें गरीबों का हक़ वापस लौटाना होगा। देश (Desh – Country) में ‘ईमानदारी’ के युग की शुरुआत हो चुकी है।
- हम परीक्षा को जीवन-मरण का सवाल बना लेते हैं, जबकि परीक्षा केवल आपके साल भर की पढाई की है। ये आपके जीवन की कसौटी नहीं है।
- अगर आप तनाव में हैं, तो सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं, बाहर का अन्दर नहीं जाता, अन्दर का बाहर नहीं आता है। विचार प्रक्रिया में ठहराव आ जाता है, वो अपने आप में एक बोझ बन जाता है।
- हास्य दूरियां बनाता नहीं बल्कि दूरियों को मिटाता है। और देखा जाए तो आज हमें इसी चीज की आवश्यकता है। हमें लोगों, समुदायों और विभिन्न समाज को आपस में जोड़ने की आवश्यकता है।
- भारत (Bharat – India) की शक्ति तीन D में निहित है : 1. डेमोक्रेसी, 2. डेमोग्राफी, 3. डिमांड
- रेलवे देश (Desh – Country) को गति और प्रगति देता है।
- हम पासपोर्ट का रंग नहीं देखते खून का रिश्ता देखते हैं।
- आज हमारा उद्देश्य एक कुशल भारत (Bharat – India) बनाना है। भारत (Bharat – India) के युवा विश्वभर के युवाओं के साथ मुकाबला करने में सक्षम होने चाहिए।
- मेरा उद्देश्य है- एक ही पीढ़ी में भारत (Bharat – India) को विकसित देश (Desh – Country) बनाना।
- यदि भ्रष्टाचार और कालेधन की बुराई को पहले ही समाप्त कर दिया गया होता तो मुझे वो फैसला नहीं लेना पड़ता जो मैंने 8 नवम्बर 2016 को लिया।
- हम एक ऐसे देश (Desh – Country) से सम्बन्ध रखते हैं जो केवल अपने हितों के बारे में सोचता है। हम एक स्वार्थी देश (Desh – Country) नहीं है। हम भविष्य की पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं।
- स्वच्छता के लिए समर्पित भाव से किया गया प्रयास, यह अगर हमारा स्थायी स्वभाव बन जाए तो हमारा देश (Desh – Country) कहाँ से कहाँ पहुँच सकता है।
- आज कम्प्यूटर के युग में Playing Field, Play Station से ज्यादा महत्वपूर्ण है। Computer पर FIFA खेलिए लेकिन बाहर मैदान में तो कभी फुटबॉल के साथ करतब करके दिखाइए। आप कंप्यूटर पर Cricket खेलते होंगे लेकिन खुले मैदान में आसमान के नीचे क्रिकेट खेलने का आनन्द ही कुछ और होता है।
- हर नागरिक को यह महसूस होना चाहिए कि यह देश (Desh – Country) मेरा है, मुझे देश (Desh – Country) के लिए काम करना है और देश (Desh – Country) की विकास यात्रा में मुझे भी योगदान देना है।
- हर व्यक्ति भारत (Bharat – India) की आज़ादी चाहता था लेकिन गाँधीजी ने कुछ हटकर किया – उन्होंने हर व्यक्ति को यह महसूस कराया कि वह देश (Desh – Country) के लिए काम कर रहा है।
- इंसान जो एक बार योग से जुड़ता है, योग उसकी जिंदगी का एक आजीवन हिस्सा बन जाता है। योग अंतिम नहीं है, उस अंतिम की ओर जाने के मार्ग का पहला प्रवेश द्वार है।
- महिला वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत (Bharat – India) की नारी है, न ज्यादा में न कम में, वो सबमें बराबर की अधिकारी है।
- आप कितने भी बड़े क्यों न हों, गरीब के हक़ का आपको लौटाना होगा। मैं गरीबों के लिए शुरू की गयी लड़ाई से पीछे हटने वाला नहीं हूँ, मैं फिर वादा करता हूँ।
- Marks और मार्कशीट का एक सीमित उपयोग है। जीवन में आपके Knowledge काम आने वाला है, Skill काम आने वाली है, आत्मविश्वास काम आने वाला है, संकल्पशक्ति काम आने वाली है।
- जब आप खुद को पराजित करते हैं, तो और आगे बढ़ने का उत्साह अपने-आप पैदा होता है। नकल आपको बुरा बनाती है इसलिए नकल न करें।
- एक समाज, एक सपना। एक संकल्प, एक मंजिल। इस दिशा में हम आगे बढ़ें।
- मैंने लोक लुभावने फैसलों से दूर रहने का प्रयास किया है। हमने सरकार की पहचान से ज्यादा हिन्दुस्तान की पहचान पर बल दिया है।
- जो खेले, वो खिले। अगर आप खेलते ही नहीं हैं तो आप खिल भी नहीं सकते। और इसलिए खेलना है और व्यक्तित्व का विकास करना है, खुद को खिलते हुए देखना है।
- युवाओं को अवसर मिले, युवाओं को रोज़गार मिले, ये हमारे लिए समय की मांग है, काम का दायरा जितना बढ़ेगा रोजगार की संभावना उतनी बढ़ेंगी। हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
- हम अपने देश (Desh – Country) में कितनी ही प्रगति करें, लेकिन हमें इसके साथ-साथ अपने देश (Desh – Country) को वैश्विक मानकों पर भी खरा उतरना पड़ेगा।
- जिस तरह से कॉलोनियज्म से मुक्त करने के लिए सत्याग्रह किया गया था, वैसे ही भारत (Bharat – India) को गंदगी से मुक्त करने के लिए स्वच्छाग्रह की जरूरत है।
- अगर किसी ने मुझसे अधिक साफ़-सफाई को आगे बढ़ाया है, तो वह है मीडिया। मीडिया ने इसे बहुत ही सकारात्मक तरह से किया है।
- भारतीय समुदाय के प्रसार को हम केवल संख्या के तौर पर नहीं बल्कि शक्ति के रूप में देखें।
- विवादों के निपटारे में सहायक एक वैकल्पिक व्यवस्था देश (Desh – Country) की पहली जरूरत है क्योंकि इससे न केवल निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा बल्कि न्यायालयों का बोझ भी कम होगा।
- इनोवेटिव बिजनेस मॉडल्स और ऐप आधारित स्टार्टअप्स ने भारतीयों में उद्यमता की भावना पैदा की है। कल की नौकरी मांगने वाले आज के नौकरी देने वाले बन गये हैं।
- वनों को हमारे जनजाति समुदायों ने बचाया है। जंगलों को बचाना आदिवासी संस्कृति का एक हिस्सा है।
- हरियाणा की बेटियों ने भारत (Bharat – India) को बहुत से मौकों पर गौरवान्वित किया है। हरियाणा के हर नागरिक को बालिका बचाने का संकल्प लेना होगा।
- पर्यटन महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे गरीब से गरीब व्यक्ति को आर्थिक अवसर मिलते हैं।
- मीडिया के कामकाज में सरकार का दखल नहीं होना चाहिए।
- प्रत्येक व्यक्ति को अपना धन खर्च करने का अधिकार है। कोई भी किसी का धन नहीं ले सकता। हर समय नकदी रखने की आवश्यकता नहीं है। अब लोग मोबाइल प्रोद्योगिकी के द्वारा भी खर्च कर सकते हैं।
- हमारे गांव, हमारे किसान, छोटे व्यापारी… ये सब हमारे देश (Desh – Country) की बढती अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तम्भ हैं। मैं उन्हें करेंसी में हुए नए परिवर्तन के फलस्वरूप हुई कठिनाइयों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए बधाई देता हूँ।
- आइये हम टेक्नोलॉजी का उपयोग कर कैशलेस समाज को बढ़ावा दें जो सुगम है और सुरक्षित है। मैं अपने व्यापारी भाइयों और बहनों से आग्रह करता हूँ कि आप भी डिजिटल दुनिया से प्रवेश कर तकनीकी क्रांति का हिस्सा बनें।
- हमने डिमोनेटाईजेशन का निर्णय देश (Desh – Country) को भ्रष्टाचार और काले धन से मुक्ति दिलाने के लिए लिया है जिससे पिछले 70 साल के लम्बे अन्तराल से इमानदार नागरिक परेशान हैं। यह आसान नहीं था। मैं अपने देश (Desh – Country) वासियों के अद्भुत संकल्प को सलाम करता हूँ जिन्होंने
असुविधाओं के बावजूद इस निर्णय का स्वागत किया।
- हमने गरीबों के हाथ मजबूत करने के लिए नोट बैन का फैसला लिया। कब तक भारत (Bharat – India) के गरीब नकद में घर का किराया भुगतान करेंगे। कब तक गरीबों से पूछा जायेगा – आप पक्का बिल या कच्चा बिल चाहते हैं।
- आपने देखा होगा कि बैंक अधिकारियों और दूसरों को, जो काले धन की बड़ी राशि जमा कर रहे थे वो पकडे जा रहे हैं। वो समझ रहे थे कि वो पीछे के दरवाजे से भाग जाएँगे पर उन्हें ये नहीं पता था कि मोदी ने पीछे के दरवाजे पर भी कैमरा लगा रखा है।
- यह देश (Desh – Country) उन वैज्ञानिकों का हमेशा से आभारी रहेगा जिन्होंने अपनी दूरदृष्टि व नेतृत्व के माध्यम से हमारे समाज को सशक्त करने के लिए अथक परिश्रम किया है।
- गणित में भारतीयों की प्राचीन परंपरा रही है। भारत (Bharat – India) ने दो हजार से अधिक वर्ष पहले ‘शून्य’ और ‘दशमलव’ प्रणाली की खोज की। यह एक महज संयोग नहीं है कि अब भारतीय सुचना प्रौद्योगिकी और वित्त, ज्ञान के दोनों क्षेत्र जहाँ शून्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है में
सबसे आगे चल रहे हैं।
- हास्य हमारे जीवन में खुशियाँ लाता है। हास्य सबसे उत्तम दवा है। मुस्कान या हँसी की शक्ति अपशब्द या किसी अन्य हथियार की शक्ति से अधिक है।
- परीक्षा को ख़ुशी का एक अवसर मानना चाहिए जो हमें साल भर की मेहनत के बाद मिलता है। यह ऐसा उमंग-उत्साह का पर्व होना चाहिए जिसमें Pressure का नहीं Pleasure का स्थान हो।
- हमें आजादी की लड़ाई में मरने का सौभाग्य नहीं मिला। लेकिन हमें देश (Desh – Country) के लिए जीने का और देश (Desh – Country) सेवा करने का सौभाग्य मिला है।
- पहले चर्चा हो रही थी कि कितना गया। अब चर्चा ये हो रही है कि कितना आया। यही तो बदलाव है।
- ‘बेटी बचाव, बेटी पढ़ाओ’ आन्दोलन तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज यह सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा है, यह एक सामाजिक संवेदना का, लोक शिक्षा का अभियान बन गया है।
- धीरे-धीरे लोग नकद से निकलकर डिजिटल करेंसी की तरफ बढ़ रहे हैं। भारत (Bharat – India) में भी डिजिटल ट्रांजेक्शंस बहुत तेजी से बढ़ रहा है। खासकर युवा पीढ़ी अपने मोबाइल से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है।
- लड़के और लड़कियां दोनों को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- जनशक्ति सरकार की ताकत से बड़ी है।
- Depression मानसिक और शारीरिक बिमारियों का कारण बन जाता है। जैसे Diabetes हर प्रकार की बीमारी का यमजान बन जाता है वैसे डिप्रेशन भी टिकने की, लड़ने की, साहस करने की, निर्णय करने की, हमारी सारी क्षमता – Capacity ओं को ध्वस्त कर देता है।
- सवा सौ करोड़ देश (Desh – Country) वासी अगर संकल्प करें, संकल्प को सिद्ध करने के लिए राह तय करें, एक-के-बाद-एक कदम उठाते चलें तो New India, सवा सौ करोड़ देश (Desh – Country) वासियों का सपना, हमारी आँखों के सामने सिद्ध हो सकता है।
- सभी को सपने देखने का अधिकार है पर हमें अपने सपनों को संकल्प का रूप देना होगा। अपने ‘आईडिया’ को बेकार न जाने दें।
- डॉ. कलाम ने भारत (Bharat – India) के युवाओं को प्रेरित किया। आज की युवा पीढ़ी प्रगति की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करना चाहती है और युवा जॉब क्रियेटर यानि रोजगार देने वाले बनना चाहते हैं।
- भारत (Bharat – India) के युवा देश (Desh – Country) की समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं। वे जल्दी परिणाम चाहते हैं। वे ऊर्जा और उत्साह से लबरेज हैं और ये ऊर्जा देश (Desh – Country) के लिए बेहतरीन परिणाम लेकर आएगा।
- कश्मीर के युवाओं के सामने दो रास्ते हैं –एक टूरिज़्म, दूसरा टेरेरिज्म। रक्तपात के रास्ते से न किसी का भला हुआ है और न कभी होगा।
- ये दिजिधन आन्दोलन एक सफाई अभियान है। यह लड़ाई भ्रष्टाचार के खतरे से है।
- शाम के समय अपना Football, Volleyball या कोई भी खेलकूद का साधन लेकर गरीब बस्ती में चले जाएँ। उन गरीब बालकों के साथ खुद खेलिए। आप देखिएगा शायद ज़िन्दगी में खेल का ऐसा आनन्द पहले कभी नहीं मिला होगा।
- जिसको हम छोटे काम कहते हैं, कभी-कभी हम वो सीखें! नए प्रयोग, नई Skill ऐसी है कि आपको आनन्द भी देगी और जीवन को जो एक दायरे में बांध दिया है उससे आपको बाहर निकाल देगी।
- पढाई और ज्ञान केवल नौकरी के उद्देश्य तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि यह लोगों में सामजिक जिम्मेदारी, राष्ट्र और मानवता की सेवा की आदत विकसित करने वाली होनी चाहिए। यह समाज और राष्ट्र में बुराइयों को समाप्त करने वाली होनी चाहिए। यह शांति के साथ-साथ देश (Desh – Country) की एकता और अखंडता के सन्देश के प्रसार का माध्यम होनी चाहिए।
- आप जैसा बदलाव चाहते हैं उसे देख सकते हैं; जो बनना चाहते हैं बन सकते हैं।
- जब पूरा देश (Desh – Country) हमारे जवानों के साथ खड़ा होता है उनकी ताकत 125 करोड़ गुना बढ़ जाती है।