3 Prernadayak Kahani in Hindi for Students | छात्रो के लिए 3 प्रेरणादायक कहानियां
पहले खुद को बदलो
Prernadayak Kahaniya In Hindi
एक समय (time) की बात है, एक महिला महात्मा गांधीजी (Mahatma Gandhi Ji) के पास आई और उनसे पूछा की वे उनके बेटे (son) से कहे की वह शक्कर खाना छोड़ दे. गांधीजी (Gandhi Ji) ने उस महिला को अपने बच्चे के साथ एक हफ्ते (1 week) बाद आने के लिए कहा.
पुरे एक हफ्ते (1 week) बाद ही वह महिला अपने बच्चे के साथ वापिस आई, और गांधीजी (Gandhi Ji) ने उसके बेटे (son) से कहा, “बेटा, कृपया शक्कर (sugar) खाना छोड़ दो.”
जाते-जाते उस महिला ने महात्मा (Mahatma) गांधी जी का शुक्रिया अदा किया और जाने के लिए पीछे मुड ही रही थी की उसने गांधीजी (Gandhi Ji) से पूछा, की उन्होंने यही शब्द (word) एक हफ्ते पहले उसके बेटे (son) से क्यू नही कहे थे.
गांधीजी (Gandhi Ji) ने नम्रता से जवाब दिया, “क्यू की एक हफ्ते (1 week) पहले, मैंने शक्कर खाना बंद नहीं किया था.”
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Prernadayak Kahani in Hindi for Students
सीख – Moral of the Story
यदि आपको दुनिया (world) को बदलना है, तो सबसे पहले आपको अपने आप को बदलना (change) होंगा. यही महापुरुष महात्मा (Mahatma) गाँधी के शब्द थे.
दोस्तों, हम सभी में दुनिया (world) बदलने की ताकत (strength) है पर इसकी शुरुवात (starting) खुद से ही होती है. कुछ और बदलने (change) से पहले हमें खुद को बदलना होंगा…. हमें खुद (ourselves) को तैयार करना होंगा… अपनी काबिलियत की अपनी ताकत (strength) बनाना होंगा….
अपने रवैये (Attitude) को सकारात्मक (Positive) बनाना होंगा…. अपनी चाह को फौलाद करना होंगा… और तभी हम वो हर एक बदलाव (change) ला पाएंगे जो हम सचमुच में लाना चाहते है.. (Prernadayak Kahani in Hindi for Students)
Friends, इसी बात को महात्मा (Mahatma) गाँधी ने बड़े ही प्रभावी ढंग से कहा है,
“खुद वो बदलाव (change) बनिए जो आप दुनिया (world) में देखना चाहते है.”
तो चलिए (let’s start) क्यों ना आज से ही हम गांधीजी (Gandhi Ji) की राहो पर चलने की कोशिश (try) करे. और पहले खुद में वो बदलाव लाये जो आप दुनिया (world) में अपने आसपास (nearby) में देखना चाहते हो..
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माता-पिता का प्यार
Hindi Story For Kids
एक समय (time) की बात है, एक बुढा पिता अपने जवान बेटे (son) के साथ गार्डन में एक बेंच (bench) पर बैठा था. वो जिस बेंच (bench) पर बैठे थे उसके सामने एक बड़ा पेड़ (tree) था. बूढ़े पिता ने देखा की एक पक्षी उस पेड़ (tree) पर बैठा है. तभी उसने अपने बेटे (son) से पुछा की- वह क्या है?
बेटे (son) ने तुरंत जवाब दिया- वह तोता (Parrot) है.
फिर भी…बूढ़े पिता ने अपने बेटे (son) से पूछा, वह क्या है?
बेटे (son) ने फिर से जवाब दिया की, मै पहले (already) ही बता चूका हु की वह तोता (Parrot) है.
और एक बार फिर बूढ़े पिता (old father) ने अपना प्रश्न दोहराया, वह क्या है?
बाद में बेटे (son) से गुस्से में कहा की, पापा (father), क्या आपको समज में नहीं आ रहा? कितनी बार मैंने आपसे कहा की वह तोता (Parrot) है.
लेकिन उस बूढ़े पिता (old father) ने नम्रता से जवाब दिया की,
मेरे प्यारे बेटे (son), जब तुम 4-5 साल के थे तब तुमने यही प्रश्न 100 बार (100 times) से भी ज्यादा पुछा था और मैंने हर बार तुम्हे इसका जवाब (answer) एक किस के साथ दिया था, की वह तोता (Parrot) है!…..
अभी मैंने तो तुमसे 3 ही बार पुछा है और तुम परेशान (tense) और क्रोधित (angry) हो रहे हो.
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Prernadayak Kahani in Hindi for Students
कहानी से सीख – Hindi Story For Kids Moral
माता-पिता (parents) के प्यार और बच्चो (baby birds) के प्यार में हमेशा फरक होता है.
इसलिए मै आपसे प्रार्थना (request) करता हूँ के जब आपके माता-पिता (parents) आप पर निर्भर हो तो, कृपया (please) कर के अपना काम सही तरीके (way) से कीजिये. उन्हें कभी नाराज़ मत कीजिये.
उन्हें हमेशा (always) आपका प्यार देने की कोशिश (try) करते रहिये. क्योंकि यही आपकी जिम्मेदारी (responsibility) है. आपको अपनी जिम्मेदारियों से भागने की बजाये, उन्होंने अपनाना (accept) चाहिये.
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तोडना आसान जोड़ना मुश्किल
Inspiring Story In Hindi
एक समय (time) की बात है जब दो भाई, एक दुसरे के सामने ही पास वाले खेत (farm) में रहते थे. और 40 साल तक बिना किसी झगडे (argument) के वे मशीन बाटते थे, मजदुर खरीदते (buy) थे और जरुरत के अनुसार वस्तुए भी खरीदते (buy) थे. उनके बिच लम्बे सहयोग के बाद एक गलतफहमी (misunderstanding) हो गयी.
और उनका बहुत बड़ा झगडा भी हुआ, ग़लतफ़हमी (misunderstanding) से शुरू हुई ये अनबन कई हफ्तों (weeks) तक चली और कुछ समय (time) की शांति के बाद अब उनमे बहुत बदलाव आया और अब वो गलत फहमी (misunderstanding) कडवे शब्दों में बदल चुकी थी.
एक सुबह राजू के दरवाजे पर किसी ने दस्तक (knock) दी. उसने दरवाज़ा खोला और पाया की carpenter अपने सामान का बड़ा बक्सा (box) लेकर खड़ा था. उसने बड़े भाई (brother) से कहा की वो कुछ दिनों से काम ढूंड (search) रहा है.
और नम्रता पूर्वक (calmly) उसने पूछा की क्या उनके पास कोई छोटा-मोटा काम (any work) है जिसे वह कर सकता है? क्या वह उनकी help कर सकता है? ये सुनकर तुरंत राजू (बड़े भाई) ने कहा, “हां, मेरे पास तुम्हारे लिए work है.”
उस खेत (farm) में नाले के उस पार देखो, वहा मेरा पडोसी है, पडोसी (neighbor) नहीं बल्कि मेरा छोटा भाई है. कुछ हफ्तों (weeks) पहले हमारे बीच नाले पर एक घास (grass) का ढेर था, जो उसमे बुलडोज़र की मदद से हटा दिया (क्यू की छोटा भाई (younger brother) चाहता था की वो वहा पुल बनाये).
ये सब उसने द्वेष और जलन (jealousy) की भावना से किया. तुम वो इमारती लकडियो का बाड़ा (wooden fence) देखो? मै चाहता हु की तुम मेरे लिए भी एक बाड़ा (big fence) बनाओ जो 9 फीट का हो, ताकि मै इस जगह को और उसके चहेरे (face) को ना देख सकू.
इस पर carpenter कहता है की, “मुझे लगता है की मै इस परिस्थिती (situation) को समझ सकता हु. तुम मुझे कुछ कील (nails) दो और एक गड्डा खोदने वाला मनुष्य (helper) दो, तुम जो चाहते हो वो काम में निच्छित (definitely) ही करूँगा.”
बड़े भाई (brother) को गाव में जाना था ताकि वो उस carpenter की जरुरत का सामान लाने में help कर सके और फिर पूरा दिन आराम से खेत (farm) में काम कर सके. वो carpenter पूरा दिन मुश्किल (difficult work) काम करता रहा जैसे लकडिया गिनना, खोदना,चुनना. शाम (till evening) होने तक जब किसान (दोनों भाई) वापिस आ रहे थे तब तक उसका काम खत्म (work finish) हो चूका था. (Prernadayak Kahani in Hindi for Students)
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उन दोनों भाइयो (brothers) की आखे खुली के खुली रह गयी क्यू की वहा कोई बाड़ा (fence) नहीं था. वहा पर सिर्फ और सिर्फ एक पुल (only bridge) था जो नाले के दोनों तरफ फैला हुआ था. उसने संतोषजनक (Satisfactory) काम किया था. और तब दोनों को अपनी-अपनी गलतियों (mistake) का अहसास हो चूका था और उनके बीच की ग़लतफ़हमी (misunderstanding) भी दूर हो गयी थी.
Carpenter ने बड़े भाई द्वारा दिए काम को छोड़कर दोनों भाइयो (brothers) के बीच के रिश्ते का पुल (bridge) बनाने का काम किया था, जो निच्छित ही प्रेरणास्पद (motivational) था.
उसके पडोसी, उसका छोटा भाई (younger brother) सभी उसी की तरफ आ रहे थे, दोनों भाई उस समय (time) एक दुसरे को देखने के लिए बेचैन थे. और पुल (bridge) के बिच में दोनों ने एक दुसरे को गले लगाया.
वे मुड़े और उन्होंने देखा की वो carpenter कंधे पर अपना सामान लेकर जा रहा था. तभी बड़े भाई (elder brother) ने कहा, “कृपया रुको! कुछ दिन और रुको. मेरे पास (I have) तुम्हारे लिए और भी काम है.
तब carpenter ने कहा की उसे वहा रुकना और रहना निच्छित (surely) ही अच्छा लगेगा, लेकिन मुझे इस तरह के और भी बहुत से bridge बनाने है.
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Prernadayak Kahani in Hindi for Students
कहानी की सीख – Moral of the Story
रिश्तो (relation) को तोडना बहुत आसान है लेकिन बनाये रखना बहोत मुश्किल. हमें जीवन (life) में सभी के प्रेम भावना के साथ पेश आना चाहिये. रिश्तो (relations) में अनबन तो होते ही रहती है लेकिन हमें उस समय (time) रिश्तो को तोड़ने की बजाये जोड़ने (fix) का काम करना चाहिये. और इसी तरह का प्रेरणास्पद काम (motivational work) बढ़ई ने किया था.
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Prernadayak Kahani in Hindi for Students
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